मैग्नीशियम से भरपूर ये चीजें खाएं, दिल की इस गंभीर बीमारी के खतरे से खुद को बचाएं

मैग्नीशियम से भरपूर ये चीजें खाएं, दिल की इस गंभीर बीमारी के खतरे से खुद को बचाएं

सेहतराग टीम

कई स्टडीज में यह बात सामने आ चुकी है कि मेनॉपॉज यानी पीरियड्स बंद होने के बाद महिलाओं में गंभीर हृदय रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है। लेकिन अगर मेनॉपॉज के बाद महिलाएं मैग्निशियम की थोड़ी अधिक मात्रा का सेवन करें तो हार्ट डिजीज के खतरे को कम किया जा सकता है। विमिन हेल्थ इनिशिएटिव से मिले डेटा के आधार पर हुए अध्ययन के मुताबिक, मेनॉपॉज के बाद महिलाओं में अचानक कार्डिएक अरेस्ट होने और मैग्नीशियम के बीच के ट्रेंड को दर्शाया गया है।

1.53 लाख महिलाओं पर की गई यह स्टडी:

जर्नल ऑफ वुमन हेल्थ में प्रकाशित इस अध्ययन में मैग्नीशियम की अधिक मात्रा के सेवन से महिलाओं में अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु के खतरे के कम होने की बात को दर्शाया गया है। अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने मेनॉपॉज के बाद वाली 1 लाख 53 हजार से ज्यादा महिलाओं द्वारा मैग्नीशियम की अधिक मात्रा के सेवन और उनमें गंभीर हृदय रोगों के विकास और कार्डिएक अरेस्ट से अचानक मृत्यु के संबंधों की पहचान की और लगातार 10 साल तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी।

पढ़ें- इन खाद्य पदार्थों में पाया जाता है हाई कैल्शियम, सालों तक शरीर को बचाएंगे हर दर्द से

मैग्नीशियम की अधिक मात्रा फायदेमंद:

वुमन हेल्थ इनिशिएटिव से प्राप्त निष्कर्षों के मुताबिक, एलपर्ट मेडिकल स्कूल ऑफ ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रफेसर और एमडी चार्ल्स ईटन और विभिन्न संस्थानों से शोधकर्ताओं की एक बड़ी टीम ने इस अध्ययन को अंजाम दिया है। इन सभी शोधकर्ताओं ने मिलकर 'असोसिएशन ऑफ डाइटरी मैग्नीशियम इनटेक विद फैटल कोरोनरी हार्ट डिजीज ऐंड सडन कार्डिएक डेथ' के शीर्ष वाला लेख लिखा है। इसी लेख में मैग्नीशियम की मात्रा और गंभीर हृदय रोगों से मृत्यु के खतरे में कमी को दर्शाया गया है।

निष्कर्षों की पुष्टि होने पर जांच जरूरी:

जर्नल ऑफ वुमन हेल्थ की एडिटर इन चीफ और वुमन हेल्थ के लिए वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट की कार्यकारी निदेशक एमडी सुसान. जी. कोर्नस्टीन का कहना है, अगर इस अध्ययन के निष्कर्षों की पुष्टि हो जाती है तो भविष्य में होने वाले शोधों की जांच होनी चाहिए कि गंभीर खतरे का सामना करने वाली महिलाओं को मैग्नीशियम सप्लिमेंट से गंभीर हृदय रोगों के खतरे को कम करने में फायदा मिलेगा या नहीं।

पढ़ें- हृदय रोग में योग पर कितना भरोसा करें

मैग्नीशियम की कमी को पूरा करेंगी ये चीजें:

काजू-

रोज 10-12 काजू का सेवन बहुत फायदेमंद है। 28 ग्राम काजू में दैनिक जरूरत का 20% मैग्नीशियम होता है। इसके अलावा इसमें पोटैशियम और आयरन की मात्रा भी भरपूर होती है। काजू का सेवन करने से आपके शरीर में एनर्जी बनी रहती है, जिससे आलस और थकान दूर होती है।

बादाम-

डॉक्टर मानते हैं कि अगर आप रोजाना 8-10 बादाम खाते हैं, तो आपका हृदय लंबे समय तक स्वस्थ रहेगा। बादाम को सबसे ज्यादा पौष्टिक नट्स में से एक माना जाता है। बादाम भी मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत होता है। 28 ग्राम बादाम में आपके दैनिक जरूरत का लगभग 19% मैग्नीशियम होता है। इसके अलावा इसमें 6 ग्राम प्रोटीन होता है।

कद्दू के बीज-

कद्दू के बीजों को रोस्ट करके और नमक डालकर खाना आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है। 28 ग्राम कद्दू के बीजों से आप अपनी दैनिक जरूरत का 18% मैग्नीशियम पा सकते हैं। इसमें फाइबर भरपूर होता है इसलिए ये आपके पेट के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके अलावा कद्दू के बीजों को आयरन के सबसे बेहतर स्रोतों में गिना जाता है।

अखरोट-

अखरोट का सेवन मस्तिष्क के लिए अच्छा होता है। 28 ग्राम अखरोट में आपके दैनिक जरूरत का 11 प्रतिशत मैग्नीशियम होता है। इसके अलावा अखरोट ओमेगा फैटी 3 और कई अच्छे ऐंटीऑक्सिडेंट्स का बेहतरीन स्रोत है।

पिस्ता-

28 ग्राम पिस्ता से आपको अपने दैनिक जरूरत का 8% मैग्नीशियम मिल जाता है। इसके अलावा पिस्ता में ल्यूटिन और जियजैन्थिन नामक दो तत्व होते हैं, जो आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। कमजोर आंखों वालों को इसे जरूर खाना चाहिए।

(साभार- नवभारत टाइम्स)

 

इसे भी पढ़ें-
ठंड से बचने के लिए खाने में शामिल करें ये गर्म तासीर वाले फूड्स 

ब्‍लड ग्रुप बताएगा वायु प्रदूषण से दिल को कितना खतरा है

IIT हैदराबाद द्वारा बनाया यह डिवाइस देगा दिल के रोगों की जानकरी

सीने का हर दर्द हृदय रोग नहीं होता, और जानकारी यहां पाएं

दूध-दही के सेवन से जीवन होगा सुरक्षित, लेकिन ये सावधानियां भी जरूरी

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।